Aarohi

By Mukul Kumar

Release : 2024-04-23

Genre : Literary Fiction, Books, Fiction & Literature

Kind : ebook

(0 ratings)
यारी, यायावरी और अल्हड़पन। अकसर कुछ इसी तरह हम अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हैं। पर जो युवा बहुवांछित भारतीय सिविल सेवाओं में जाने के लिए तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए कॉलेज की जिंदगी में एक परत और जुड़ जाती है। ‘आरोही’ तीन ऐसे ही युवाओं— मिहिर, उदय और संदीप—के इर्द-गिर्द घूमती कहानी है, जो सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने का संकल्प लेकर एक साथ निकले हैं। गंभीर और जुनूनी मिजाज के मिहिर की आँखों से कहानी देखते हुए हम पाते हैं कि यह पुस्तक कॉलेज की जिंदगी, दोस्ती, रोमांस, घर से निकलकर एक नए माहौल में ढलने का सफर साझा करती है, साथ ही यह दरशाती है कि धर्म और लिप्सा, प्रेम और वासना के बीच सामंजस्य का रास्ता कितना दुष्कर हो सकता है। मिश्रित मानवीय भावनाओं को चित्रित करने के लिए तीन प्रतीकों का बखूबी इस्तेमाल किया गया है— ‘मोनालिसा’, ‘सोम’ और ‘शिव’। ‘आरोही’ एक जिंदादिल तिकड़ी के आपसी तालमेल की एक चित्ताकर्षक कहानी है, जो आपको संकल्प के ऐसे सफर पर ले जाएगी, जहाँ युवा परिपक्व होकर पुरुष और छात्र संघर्ष में ढलकर सिविल सेवा अधिकारी बनते हैं। यह पुस्तक हमें यह भी बताती है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान क्या नहीं करना चाहिए। जीवन की वास्तविकताओं के बीच से गुजरते हुए, यह बहुपरती उपन्यास व्यावहारिक फलसफे से भी रूबरू कराता हैं, जो आकांक्षी युवाओं को जीने का सलीका सिखाएगा और उनका मार्ग सूची-पत्रों के लिए प्रशस्त करेगा।

Aarohi

By Mukul Kumar

Release : 2024-04-23

Genre : Literary Fiction, Books, Fiction & Literature

Kind : ebook

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यारी, यायावरी और अल्हड़पन। अकसर कुछ इसी तरह हम अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हैं। पर जो युवा बहुवांछित भारतीय सिविल सेवाओं में जाने के लिए तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए कॉलेज की जिंदगी में एक परत और जुड़ जाती है। ‘आरोही’ तीन ऐसे ही युवाओं— मिहिर, उदय और संदीप—के इर्द-गिर्द घूमती कहानी है, जो सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने का संकल्प लेकर एक साथ निकले हैं। गंभीर और जुनूनी मिजाज के मिहिर की आँखों से कहानी देखते हुए हम पाते हैं कि यह पुस्तक कॉलेज की जिंदगी, दोस्ती, रोमांस, घर से निकलकर एक नए माहौल में ढलने का सफर साझा करती है, साथ ही यह दरशाती है कि धर्म और लिप्सा, प्रेम और वासना के बीच सामंजस्य का रास्ता कितना दुष्कर हो सकता है। मिश्रित मानवीय भावनाओं को चित्रित करने के लिए तीन प्रतीकों का बखूबी इस्तेमाल किया गया है— ‘मोनालिसा’, ‘सोम’ और ‘शिव’। ‘आरोही’ एक जिंदादिल तिकड़ी के आपसी तालमेल की एक चित्ताकर्षक कहानी है, जो आपको संकल्प के ऐसे सफर पर ले जाएगी, जहाँ युवा परिपक्व होकर पुरुष और छात्र संघर्ष में ढलकर सिविल सेवा अधिकारी बनते हैं। यह पुस्तक हमें यह भी बताती है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान क्या नहीं करना चाहिए। जीवन की वास्तविकताओं के बीच से गुजरते हुए, यह बहुपरती उपन्यास व्यावहारिक फलसफे से भी रूबरू कराता हैं, जो आकांक्षी युवाओं को जीने का सलीका सिखाएगा और उनका मार्ग सूची-पत्रों के लिए प्रशस्त करेगा।

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